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    दृष्टिवैषम्य का निदान कैसे करें

    Astigmatism - दृष्टिवैषम्यदृष्टिवैषम्य का निदान कैसे करें

    दृष्टिवैषम्य : दृष्टिवैषम्य की परेशानी का निवारण उसकी जाँच के बाद ही अच्छी तरह से हो सकता है, इसके लिए जब आप नेत्र चिकित्सक के पास जाते है तो वो आपकी आँख के कुछ परिक्षण करके बीमारी की गंभीरता की जाँच करते है। जाँच के बाद परेशानी का सही से पता चल जाता है और इलाज में आसनी हो जाती है। 

    कुछ लोग आँखों में परेशानी हो जाने पर अपनी या किसी दूसरे की सलाह पर मेडिकल से दवाई लेकर इस्तेमाल करने लगते है, जिसकी वजह से आँखों की छोटी सी परेशानी भी बहुत बड़ी बन जाती है, जिसके कारण  उन्हें कई बार अपनी आँखों की रौशनी तक खोनी पढ़ जाती है। एस्टिग्मैटिज़्म रोगियों को विशेष प्रकार के मुलायम कांटेक्ट लेंस लगाने की सलाह दी जाती है, जिन्हें टोरिक लेंसेस कहा जाता है। ये प्रकाश को सही दिशा में मोड़ते हैं।

    दृष्टिवैषम्य आंख की एक स्थिति है जो या तो धुंधली दृष्टि या एक भावना का कारण बनती है जो प्रत्येक आंख वस्तुओं को थोड़ा अलग तरीके से देख रही है। एक संरचनात्मक समस्या – आमतौर पर या तो एक असमान रूप से घुमावदार कॉर्निया या लेंस से – प्रकाश का कारण बनता है जो आंखों में सही ढंग से ध्यान केंद्रित नहीं करता है।

    चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस को दृष्टिवैषम्य के अधिकांश रोगों के इलाज के लिए निर्धारित किया जा सकता है, लेकिन वे आमतौर पर स्थिति को ठीक नहीं करते हैं। अक्सर, दो अलग-अलग लेंस आंखों को एक साथ ध्यान केंद्रित करने में मदद करेंगे, इस प्रकार असमान ध्यान केंद्रित करना। चश्मा का उपयोग अनियमित रूप वाले लोगों के इलाज के लिए नहीं किया जा सकता है, हालांकि कुछ प्रकार के संपर्क लेंस आमतौर पर मदद कर सकते हैं। एक प्रकार का संपर्क लेंस वास्तव में आंख को फिर से आकार देने में मदद करता है; इस उपचार को ऑर्थो कार्टोलॉजी या ऑर्थो-के कहा जाता है।

    दृष्टिवैषम्य के कारण:

    • दृष्टिवैषम्य एक असमान आकार के कॉर्निया के कारण होता है। असमान आकृति रेटिना पर दो बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रकाश की किरणों का कारण बनती है, जिससे छवियों का विरूपण और धुंधला हो जाता है।
    • यह अक्सर जन्म से ही मौजूद होता है, लेकिन यह जीवन में बाद में भी विकसित हो सकता है। इसका कारण आंखों में चोट लगना, बीमारी या सर्जरी हो सकता है।
    • यह अक्सर निकटदृष्टि दोष या दूर दृष्टि दोष के साथ होता है।
    • कम रोशनी में पढ़ने या नजदीक से टीवी देखने से एस्टिग्मेटिज्म नहीं होता है।

    दृष्टिवैषम्य के प्रकार

    • विभिन्न प्रकार के दृष्टिवैषम्य हैं, इस पर निर्भर करता है कि आंख का कौन सा हिस्सा अनियमित आकार का है, जहां प्रकाश केंद्रित है, और आंख के प्रमुख मेरिडियन लंबवत हैं या नहीं। यह स्थिति कॉर्निया या लेंस दोनों में से किसी एक दोष के कारण हो सकती है, हालांकि कॉर्निया का प्रकार अधिक सामान्य है।

    दृष्टिवैषम्य का इलाज 

    इसलिए हम आपको सलाह देंगे की बिना आँखों की जाँच कराए और बिना किसी नेत्र चिकित्सक से सलाह किए बिना कभी भी किसी भी दवाई का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, वरना परिणाम घातक हो सकते है। चलिए आज हम आपको दृष्टिवैषम्य के निदान के लिए कौन कौन से परिक्षण हो सकते है, इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते है, जिससे आपको काफी मदद मिल सकती है –

    1. जब आप नेत्र चिकित्सक के पास जाते है तो वो आपके सामने कुछ दुरी पर एक बोर्ड रखते है और उस पर लिखे हुए छोटे बड़े अक्षरों को पड़ने के लिए कहते है, जिससे आपकी नजर का परिक्षण होता है। अगर नजर कमजोर होती है तो आपकी आँख के हिसाब से चश्मा बना दिया जाता है।
    2. कई बार नेत्र चिकित्सक केराटोमेट्री नामक परीक्षण से आँखों की जाँच करते है। इस परीक्षण में डॉक्टर आपकी आँख के कॉर्निया की सतह को केराटोमीटर नामक उपकरण से मापते है, ऐसा करने से आपकी आँखों में दृष्टिवैषम्य की परेशानी का पता चल जाता है।
    3. जो लोग कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करते है, उनकी आंखों के कॉर्निया की गोलाई की जांच की जाती है, क्योंकि अगर आपकी आँख में दृष्टिवैषम्य की परेशानी हो गई है तो कॉर्निया की गोलाई अनियमित और बदल जाती है।
    4. नेत्र चिकित्सक आपकी आँख की कॉर्निया सतह की गोलाई को मापने के लिए कंप्यूटर की मदद लेते है, वो कॉर्निया मैपिंग नामक परीक्षण करते है। इस प्रक्रिया में आंखों के कॉर्निया की सतह का चित्र लेने के लिए वीडियो कैमरा का उपयोग करा जाता है।
    5. कई बार आपकी आंखें तेज और धीमे प्रकाश में चीजों को कैसे देखती है, इस चीज का परीक्षण करने के लिए डॉक्टर फोरोप्टर नामक उपकरण का उपयोग करके आपकी आंखों की जाँच करते है और आँखों के सामने अलग अलग नंबर के लेंस लगा कर परेशानी का निवारण करते हैं।

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