रतौंधी आंखों में होने वाली एक बीमारी है जिसे हम नाईट ब्लाइंडनेस के नाम से भी जानते है| अगर किसी की भी आँख में रतोंधी की बीमारी हो जाए तो उस इंसान को दिन में किसी भी चीज को देखने में कोई परेशानी नहीं होती है, लेकिन जैसे जैसे अँधेरा अर्थात रात होने लगती है तो उस इंसान को नजदीक की चीजे भी ठीक से दिखाई नहीं देती है| जब आप नेत्र चिकित्सक के पास जाते है तो वो आपकी आँखों की जाँच करता है, जिसमे आँखों का कॉर्निया कुछ सूखा सा प्रतीत होता है और नेत्र गोलक गंदा और मटमैला सा दिखाई देता है। कई बार मरीज की आँखों से सफ़ेद रंग का पानी भी निकलने लगता है|
रतौंधी रोग में सबसे पहले मरीज की आँख के रेटिना में रॉड कोशिका धीरे धीरे प्रकाश के लिए प्रतिक्रिया करने की क्षमता कम करने लगते है। जिसकी वजह से धीरे धीरे उनकी आँख अँधेरे में देखना कम करती जाती है और अंत में आपकी आँखों की रौशनी तक खत्म हो सकती है| रतोंधी की परेशानी जन्मजात, अनुवांशिक इत्यादि कारणों से भी हो सकती है| अगर आपके शरीर में विटामिन ए की कमी हो जाती है तो आपकी आँखों में रतोंधी की परेशानी हो सकती है| बहुत सी गर्भवती महिलाएँ असंतुलित भोजन करती है जिसकी वजह से उनके गर्भ में पलने वाले बच्चे को रतोंधी की बीमारी का सामना करना पढ़ सकता है|
अगर आपको रतोंधी की बीमारी का पता शुरुआत में ही चल जाए तो इलाज आसानी से किया जा सकता है, कुछ लोग रतोंधी की परेशानी से छुटकारा कुछ घरेलु उपचार अपनाकर भी कर लेते है, लेकिन अगर आपको घरेलु उपचार से कुछ भी फायदा दिखाई नहीं दे रहा है| तो आपको तुरंत किसी नेत्र चिकित्सक के पास जाकर अपनी आँखों की जाँच और इलाज करना चाहिए| अगर आपको रतोंधी की परेशानी है तो आपको कुछ सावधानी भी जरूर बरतनी चाहिए जैसे की रात के समय में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए अगर जाना बहुत जरुरी हो तो किसी को अपने साथ जरूर लेकर जाए और अँधेरी जगह जाने से बचना चाहिए|
रतोंधी की परेशानी होने पर कभी भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए वरना धीरे धीरे आपकी आँखों की रौशनी भी जा सकती है या कई बार रतोंधी की परेशानी की वजह से मोतियाबिंद जैसी बीमारी भी हो सकती है| बहुत से लोग रतोंधी की परेशानी होने पर अपनी और किसी और की सलाह से दवाई लेकर अपनी आँखों में डाल लेते है जिसकी वजह से परेशानी कम होने की बजाय बढ़ जाती है, इसीलिए कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवाई का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए|