मोतियाबिंद आँखों की गंभीर बीमारी है, अगर सही समय पर जाँच और इलाज नहीं हो तो ये आँखों की रौशनी तक को प्रभावित कर सकती है| गर्भावस्था के दौरान अगर माँ को रूबेला का टीका ना लगवाया जाये तो शिशु को जन्म से ही मोतियाबिंद की परेशानी हो सकती है| आमतौर पर जैसे जैसे इंसान की उम्र बढ़ने लगती है वैसे वैसे उसकी आँख के लेंस में बदलाव आने लगता है और मोतियाबिंद जैसी परेशानी भी हो सकती है| आँखों में मोतियाबिंद की परेशानी होने पर आपको धुंधलापन, दो छवि दिखना इत्यादि परेशानी हो सकती है, इसमें कभी भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए वरना मोतियाबिंद धीरे धीरे बढ़ कर आपकी आँख के लेंस को ख़राब कर सकता है| डॉक्टर आपकी आँखों की जाँच करते है और ऑपरेशन की सलाह देते है, जिसे करने में अगर आप देरी करते है तो आप अपनी आँखों की रौशनी को भी खो सकते है| चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे कारण बताते है, जिनकी वजह से मोतियाबिंद की परेशानी हो सकती है –
1 – जिन इंसानो को मधुमेह की बीमारी होती है, उनकी शुगर बढ़ती और घटती रहती है, जिसकी वजह से आँखों में संक्रमण, मोतियाबिंद इत्यादि बीमारी होने की सम्भावना ज़्यादा रहती है।
2 – अगर आपकी आँख में कभी चोट लगी हो, आँख की सर्जरी हुई हो या लम्बे समय से सूजन हो तो आपको मोतियाबिंद की परेशानी हो सकती है|
3 – अगर आपको उच्च मायोपिया या उच्च रक्तचाप जैसी बीमारी होती है और आप उनकी दवाई खाते है तो कई बार इन बीमारियों या दवाई की वजह से आपकी आँखों में मोतियाबिंद जैसी बीमारी हो सकती है|
4 – बहुत से लोग कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स, क्लोरप्रोमाज़ीन और अन्य फेनोथीआज़ाइन से संबंधित दवाइयों का सेवन करते है| इस तरह की दवाई खाने से आँखों में मोतियाबिंद आने की सम्भावना बहुत अधिक बढ़ जाती है|
5 – बहुत सारे लोग बहुत ज्यादा धूम्रपान करते है, उस धूम्रपान से आँखों के लेंस में परेशानी उत्पन्न हो सकती है, और कई बार आँखों से धुंधला भी दिखाई देने लगता है| धुंधलेपन की परेशानी से धीरे धीरे मोतियाबिंद भी हो सकता है|
6 – शराब में उपस्थित एल्कोहल हमारे शरीर और आँखों को बहुत ज्यादा नकारत्मक प्रभाव डालते है| डॉक्टरों के अध्ययनों से एक बात साबित हुई है की जो लोग शराब ज्यादा पीते है तो ऐसे लोगो को मोतियाबिंद जैसी बीमारी की समस्याएं ज़्यादा हो सकती हैं।