भेंगेपन में इंसान की दोनों आँखे अलग अलग दिशा में देखती है और दिमाग को दो छवि प्राप्त होती है| कई बार दो में से एक छवि साफ़ नहीं होती है जिसकी वजह से दिमाग उसे दिखाता नहीं है,धीरे धीरे इससे आपकी दृष्टि में परेशानी होने लगती है| कई बार भेंगेपन की वजह से आप अपनी आँखों की रौशनी तक खो सकते है|
बच्चो में भेंगेपन की परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है, अगर दूर की चीजे देखने में बच्चे को परेशानी हो रही हो तो बच्चे को एम्बीलोपिया हो सकता है, भेंगेपन की समस्या से जूझने वाले बच्चो में से 70% बच्चो को एम्बीलोपिया होता है| एम्बीलोपिया को मंददृष्टिता या लेज़ी आई भी कहते है| 9 साल से छोटे बच्चे को अगर एम्बीलोपिया हो जाता है तो उसका इलाज आसानी से किया जा सकता है लेकिन अगर उम्र ज्यादा हो जाये तो दृष्टि में सुधार होना काफी मुश्किल हो जाता है|
एम्बीलोपिया बच्चो में होता है इसीलिए उसका पता करना इतना आसान नहीं है, इसीलिए आपके बच्चे की आँख में रौशनी कम आ रही हो, पानी आ रहा हो, आपका बच्चा चिड़चिड़ा इत्यादि परेशानी हो रही हो तो तुरंत उसकी जाँच और इलाज कराए वरना उसकी आँख की रौशनी भी जा सकती है| भेंगापन युवा और बुजुर्ग में कम होता है लेकिन कभी आपकी आँख में चोट लगने पर आपको भेंगेपन की परेशानी हो सकती है,मधुमेह से भी आपकी आँखों में भेंगापन हो सकता है| ऐसी और भी काफी बीमारी है जिनकी वजह से आपकी आँखों में भेंगापन हो सकता है और अगर आपने इसे शुरुआत में नहीं पहचाना तो इसका इलाज करना बहुत ज्यादा मुश्किल हो जाता है|
कई बार भेंगेपन की वजह से आप अपनी आँख की रौशनी भी खो सकते है, इसीलिए कभी भी लापरवाही ना करे वरना इलाज होना संभव नहीं होगा| भेंगापन भी कई प्रकार का होता है और एक प्रकार का भेंगापन हमे दिखाई नहीं देता है, कई बच्चो में जन्मजात भेंगापन हो सकता है जिसका कारण उसके माँ बाप नहीं बल्कि जन्म से ही उसकी आँखों की मांसपेशियों में खराबी होती है, जिसका इलाज केवल ऑपरेशन है लेकिन कई बार इलाज से भी भेंगापन पूरी तरह से सही नहीं हो पाता है|