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    दृष्टिवैषम्य क्या है ( astigmatism in hindi )

    Astigmatism - दृष्टिवैषम्यदृष्टिवैषम्य क्या है ( astigmatism in hindi )

    दृष्टिवैषम्य ( astigmatism in hindi ) : हमारे शरीर में आँखे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण और नाजुक अंग होता है, जिसकी देखभाल बहुत जरुरी होती है। आँखों में बहुत सारी बीमारी हो सकती है, उनमे से दृष्टिवैषम्य भी एक है। दृष्टिवैषम्य को हम एस्टिग्मेटिज्म के नाम से भी जानते है, दृष्टिवैषम्य की परेशानी आम है लेकिन अगर आप इलाज करवाने में लापरवाही करते है तो आपको घातक परिणाम भी भुगतने पढ़ सकते है।

    टीवी के बहुत करीब बैठकर या खराब रोशनी की स्थिति में पढ़ने से इसका कारण नहीं बनता है। यदि आपके पास धुंधली दृष्टि है तो उचित आंख परीक्षा की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि इसका मतलब यह भी हो सकता है कि आप दूरदर्शी या नज़दीक हैं। चूंकि अस्थिरता के लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं, दृष्टि स्पष्ट होने पर आंख डॉक्टर की एक यात्रा आवश्यक है। संपर्क या चश्मा अस्थिरता के अधिकांश मामलों को सही कर सकते हैं।

    हाँ, दृष्टिवैषम्य जटिलताओं का कारण बनता है यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है निचे दी गयी सूची उन जटिलताओं और समस्याओं की है जो दृष्टिवैषम्य को अनुपचारित छोड़ने से पैदा हो सकती है |

    दृष्टिवैषम्य के लक्षण

    एस्टिगमैटिज्म आमतौर पर आँख की रोशनी को धुंधला कर देता है या अधिक दूरी पर कुछ हद तक विकृत हो जाता है । इसके कुछ लक्षण हैं जैसे आंखों में खिंचाव होना, सिर दर्द होना , खराश महसूस करना और आंखों में जलन का होना । एस्टिगमैटिज्म के जो लक्षण होते हैं वो निम्न होते हैं-

    • देखने में कठिनाई को महसूस करना।
    • धुंधला नज़र आना।
    • आंखों पर बोझ पड़ने जैसा महसूस करना।
    • सिर में दर्द का रहना।
    • चक्कर आना।
    • वस्तुओं के आकार को सही तरह से न पहचान पाना।

    दृष्टिवैषम्य क्या है ( astigmatism in hindi)

    • हमारी आँखों की पुतली की रक्षा एक सफ़ेद भाग और परत करती है, जिसे हम कॉर्निया के नाम से जानते है। अगर आपकी आँख के कॉर्निया में कुछ परेशानी हो जाती है, तो उसे हम दृष्टिवैषम्य कहते है, इस परेशानी में आपको धुंधला दिखाई दे सकता है। दृष्टिवैषम्य की परेशानी में आपकी आँख के अंदर की सतह पर पाए जाने वाला लेंस अपनी साधारण गोलाई, समतल और चिकनी की जगह उसकी गोलाई में अंतर, खुरदरी हो जाती है। 
    • दृष्टिवैषम्य ( astigmatism in hindi ) की बीमारी अगर आपकी आँख में हो जाती है तो आपको दूर की चीजे साफ़ नहीं दिखाई देती है, दूरी चाहे कितनी भी हो पर आपको धुंधला ही दिखाई देता है। ज्यादातर मामलों में ये परेशानी बचपन में ही हो जाती है, ये निकट दृष्टि दोष या दूर दृष्टि दोष दोनों में से किसी के साथ भी आपकी आँखों में हो सकता है। 
    • कई बार बहुत से लोग आँखों में थोड़ी सी भी परेशानी हो जाने पर परेशान हो जाते है और बिना परेशानी को जाने वो अपनी मर्जी से या किसी की सलाह से मेडिकल स्टोर से दवाई लेकर अपनी आँखों में डाल लेते है, जिसकी वजह से उन्हें कई बार काफी बढ़ी परेशानी का सामना करना पढ़ सकता है, इसीलिए कभी भी बिना किसी नेत्र चिकित्सक की सलाह के किसी भी दवाई का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
    • कई बार आपको धुंधला किसी सामान्य वजह से भी दिखाई दे सकता है, लेकिन आपको परेशानी लगातार हो रही है तो देरी नहीं करनी चाहिए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। दृष्टिवैषम्य की परेशानी से बचने के लिए अपने बच्चो की आँखे नियमित रूप से जांच करनी चाहिए, जिससे उसकी आँख में होने वाली किसी भी परेशानी का शुरुआत में ही पता चल जाता है और आसानी से उसका इलाज करा जाता है। 
    • जब आप डॉक्टर के पास जाते है और आपकी आँखों में दृष्टिवैषम्य की परेशानी होती है तो डॉक्टर आपको आपके परिवार की आंखों की बीमारी के बारे में पूछ सकते है, जैसे आपके परिवार में से तो किसी को दृष्टिवैषम्य की परेशानी तो नहीं है। दृष्टिवैषम्य की परेशानी अनुवांशिकता की वजह से भी हो सकती है।

    एस्टिगमैटिज्म का इलाज और घरेलु बचाव 

    अगर लक्षण दिखाई पड़ने के शुरुआती दिनों में ही व्यक्ति डॉक्टर को दिखा लेता है तो इस बीमारी का इलाज चश्मे या फिर कांटेक्ट लेंस की सहायता से आसानी से किया जा सकता है।एस्टिग्मेटिस्म का प्रभाव और बढ़ने से रोकने के लिए सबसे अधिक  फायदेमंद है आँख से जुड़े तनाव से दूर रहना। यहाँ कुछ आसान तरीके दी गई हैं जिन्हे आप आजमा सकते हैं। 

    • हमेशा पर्याप्त रोशनी में ही पढ़ें या फिर कोई भी काम करें।
    • आंखों की नमी को कभी खोने न दें हमेशा नमी बरकरार रखें।
    • अगर आंखों में कभी भी कोई भी परेशानी हो तो खुद डॉक्टर न बनें।
    • समय समय पर पलकों को झपकते रहें जिससे आंखों पर तनाव न पड़े।
    • कंप्यूटर या फिर टीवी देखते समय बीच बीच में आंखों को ब्रेक दें जिससे आंखों को आराम मिल सके।
    • आंखों की रक्षा करने वाले विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट के साथ पोषक तत्व-घने आहार खाएं|
    • धूम्रपान से बचें: अस्थिरता के जोखिम को कम करें|
    • ओमेगा फैटी एसिड: शुष्क आंखों के लक्षणों और लक्षणों से मुक्त होने में मदद करता है|
    • पोषक तत्वों की खुराक: विटामिन सी और ई, तांबा और जिंक के उच्च स्तर के साथ पूरक लें|
    • लेजर नेत्र सर्जरी: अस्थिरता में सुधार करने के लिए

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