बहुत सारे लोग इस बात को जानना चाहते है की बच्चो की आँखों में भेंगापन हो सकता है, जी हाँ भेंगापन बच्चो में भी हो सकता है| बच्चो की आँख में भेंगापन होने का पता आसानी से नहीं लग पाता है, जन्म से लेकर 9 वर्ष तक के बच्चो में भेंगापन की समस्या ज्यादा होती है ऐसे बच्चो के माँ बाप को बहुत ज्यादा ध्यान रखने की जरुरत होती है जिसका कारण है की बच्चे भेंगापन की परेशानी को बता नहीं पाते है| अगर आपको आपके बच्चे की आँखों में थोड़ी सी भी परेशानी, पढ़ाई में मन न लगना, आँख लाल होना, आंख से पानी गिरना, सिरदर्द इत्यादि चीजे दिखाई दे तो बिलकुल भी लापरवाही ना करे तुरंत अपने बच्चे की आँखों को किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाए वरना आपके बच्चे की आँख की रौशनी भी जा सकती है| अगर आपके नवजात शिशु की आँख में आपको भेंगापन दिखाई दे तो ये अनुवांशिक हो सकता है| छोटे बच्चो की आँख में भेंगापन की बीमारी को एम्ब्लायोपिया या लेजी आई भी कहते है| चलिए आज हम आपको कुछ ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी देंगे –
1 – छोटे बच्चो की आँख में अगर भेंगापन हो जाता है तो उनकी आँख में पट्टी बांध कर इलाज किया जाता है| इसमें जिस आँख में भेंगापन होता है, उससे दूसरी आँख जिसकी रौशनी बिलकुल सही होती है उस पर पट्टी बांध देते है| ऐसा करने से उस आँख पर जोर पड़ता है जिसमे भेंगापन की शिकायत होती है और वो धीरे धीरे सही हो जाती है| कई बार इस पट्टी को कई महीने तक भी बांधनी पड़ सकती है|
2 – नवजात और जन्म वाले बच्चो की आँख में भेंगापन उनके माँ बाप के कारण भी हो सकता है| लेकिन जरुरी नहीं है की माँ बाप के कारण ही भेंगापन हो, ऐसा भी होता है की घर में भेंगापन किसी को ना हो और आपके बचे को भेंगापन की परेशानी हो
3 – अगर आपने अपने बच्चे की आँख का भेंगापन शुरुआत में ही पता कर लिया है तो कई बार आपके बच्चे की आँख चश्मा, आई ड्राप इत्यादि से बिलकुल ठीक हो जाती है|
4 – अगर आपके बच्चे की आँख का भेंगापन चश्मा, आई ड्राप, पट्टी और व्यायाम इत्यादि से भी ठीक नहीं हो रहा है तो आपको अपने बच्चे का ऑपरेशन करना पड़ेगा | ऑपरेशन को लेकर कभी भी लापरवाही ना करे वर्ण आपके बच्चे की आँखों की रौशनी भी जा सकती है|