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    गेहूं के जवारे का रस: घर पर व्हीटग्रास जूस कैसे बनाए

    Recipe - रेसिपीगेहूं के जवारे का रस: घर पर व्हीटग्रास जूस कैसे बनाए

    गेहूं के ज्वारे का रस इन हिंदी: गेंहू के ज्वारे (घास) को व्हीटग्रास के नाम से भी जानते है। ये सिर्फ़ एक आयुर्वेदिक औषधि ही नहीं बल्कि एक उत्तम आहार भी है। गेहूं के ज्वारे को हम जूस, पाउडर और टेबलेट किसी भी तरह से ले सकते है पर प्रतिदिन ताजा जूस बना कर पिने से ज्यादा फायदा मिलता है। रोजाना व्हीटग्रास जूस के सेवन से बॉडी स्टैमिना और एनर्जी तो बढ़ती ही है साथ ही कई प्रकार के रोगों का इलाज करने में भी मदद मिलती है। अगर आप बाजार से इसे लेना चाहते है तो बाबा रामदेव के आयुर्वेदिक स्टोर से व्हीटग्रास पाउडर पतंजलि और व्हीट ग्रास जूस पतंजलि कोई भी ले सकते है। इस लेख में हम जानेंगे घर पर गेंहू के जवारे कैसे उगाए और,व्हीटग्रास जूस, wheatgrass juice in hindi.

    गेहूं के ज्वारे रक्त व रक्त संचार संबंधी रोगों, रक्त की कमी, डायबिटीज, कैंसर, त्वचा रोग, मोटापा, किडनी और पेट संबंधी रोग के उपचार में लाभकारी हैं।

    व्हीटग्रास जूस कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है | इससे हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है|  अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाए तो इससे दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है|

    गेहूं के ज्वारे में क्षारीय खनिज होते हैं, जो अल्सर, कब्ज और दस्त से राहत प्रदान करता है। यह एक्जिमा, सर्दी-खांसी और दमा में लाभकारी हैं। मौसमी बीमारियों के साथ-साथ यह मलेरिया में लाभकारी है। डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है |

    व्हीटग्रास में कई प्रकार के पोषक तत्व मौजूद है जिसमें सबसे अहम है क्लोरोफिल। इसके अलावा व्हीटग्रास में प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, कैल्शियम और कार्बोहाइड्रेट्स भी अधिक मात्रा में होते है। कैंसर जैसे गंभीर रोग के इलाज में भी गेंहू के जवारे का सेवन काफी फायदेमंद है और इसके अलावा डायरिया, ब्लड शुगर, पथरी, दिल की बीमारी, गाल ब्लैडर स्टोन, लकवा, पीलिया, पाचन तंत्र खराब होना, गैस, कब्ज, बवासीर, स्किन प्रॉब्लम, बालों की समस्या, कोई चोट लगना या फिर घाव होना और आँखों की समस्या जैसी अनेकों बीमारियों के उपचार में व्हीटग्रास जूस का सेवन करने से बहुत फायदा मिलता है।

    गेहूं के जवारे का रस कैसे बनाए : व्हीटग्रास जूस रेसिपी

    How to Make Wheatgrass Juice in Hindi

    गेहूं के जवारे के पत्ते चबा कर भी खा सकते है और इसका रस निकाल कर भी इसे पी सकते है। घर पर गेहूं का ज्वारा उगाने की विधि आगे इस लेख में बताई गयी है और अगर आप घर पर नहीं उगा सकते तो बाजार से व्हीटग्रास पाउडर पतंजलि भी ले सकते है जिसे आप जूस, पानी या शेक में डाल कर पी सकते है। आइये जानते है घर पर व्हीटग्रास जूस कैसे बनाए, व्हीटग्रास जूस रेसिपी इन हिंदी

    1. आठ से दस गेंहू के ज्वारे की पत्तियां जड़ से काट कर अच्छे से धो ले। अब इसे कूट कूट कर उसका रस निकाल ले।
    2. गेंहू की पत्तियां कूटने के बाद एक साफ़ कपडा ले और कुटी हुई पत्तियां डाल कर इसका रस निचोड़ ले। आप जूस निकालने वाली मशीन से भी व्हीट ग्रास जूस त्यार कर सकते है।
    3. व्हीटग्रास जूस निकालने के बाद इसे रखे नहीं तुरंत पी जाए और एक बात का विशेष ध्यान रखे की जूस को चाय की तरह सीप सीप कर के ही पिए, 1 घूंट में कभी ना पिए।
    4. व्हीटग्रास जूस निकालते समय इसमें आंवला, नीम, गिलोय, तुलसी, शहद और अदरक भी डाल सकते है। इनके प्रयोग से जूस के गुण और भी बढ़ जाते है।
    5. आप इस जूस में थोड़ा पानी भी मिला सकते है पर ध्यान रहे इसमें नींबू और नमक बिल्कुल ना डाले।

    व्हीटग्रास जूस कितनी मात्रा में ले

    1. अगर आप किसी रोग से ग्रसित है तो प्रतिदिन तीस से पचास एमएल जूस दिन में दो से तीन बार ले।
    2. शुरू में व्हीटग्रास जूस को कम मात्रा में ही ले फिर धीरे धीरे इसकी मात्रा को बढ़ाएं।
    3. एक हफ्ते में कम से कम पांच दिन इसका सेवन अवश्य करें।

    गेंहू के जवारे केसे उगाए :  How to Grow Wheatgrass at Home in Hindi

    गेहूं के बीज को बोने के बाद जब पत्तियां अंकुरित होती है तो इसी अंकुरित गेहूं को ही गेहूं का ज्वारा, व्हीट ग्रास या घास कहते है। गेंहू के ज्वारे में भरपूर मात्रा में नुट्रिशन होते है जिससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी को बिना किसी दवा के एक नेचुरल तरीके से पूरा किया जा सकता है।

    • व्हीटग्रास उगाने के लिए अच्छी किस्म का ऑर्गेनिक बीज ही इस्तेमाल करें।
    • सबसे पहले गेंहू के बीजों को एक बर्तन में आठ से दस घंटे तक पानी में भिगो कर रखे फिर इसे साफ़ पानी से धो ले।
    • अब किसी गमले में खाद मिली हुई मिट्टी डाले फिर गेंहू के जवारे उगाने के लिए इस गमले में इतने बीज फैला कर डाले की बीजों से सारी मिट्टी ढक जाए और इस बात का विशेष ध्यान रहे की किसी बीज के ऊपर बीज ना आए।
    • अब गमले में पानी डाल कर इसे छाया में रख दे।
    • इसी तरह अगले दिन एक और गमले में बीज लगाए।
    • सात दिनों तक हर रोज इसी तरीके से गमले में गेहूं के बीज बोते रहे और साथ ही पुराने गमलों को पानी देते रहे।
    • सात दिन के बाद आप देखेंगे की पहले दिन लगाए हुए गमले की गेहूं अंकुरित हो कर घास जैसी दिखने लगी है। अब ये कटाई के लिए तैयार है। कटाई करने के खाली गमले में आप फिर से गेहूं के बीज बो दे।
    • सात आठ दिनों में ज्वारे छह से सात इंच तक हो जायेंगे और यही अच्छा समय है कटाई का, क्योंकि जैसे जैसे जवारे लंबे होंगे इसके पोषक तत्व कम होने लगते है। अगर सात दिन में व्हीटग्रास काटने के लायक नहीं हुई है तो आप नौ से दस दिन बाद काट सकते है।
    • हर दिन इसी तरह एक गमले का ज्वार काट ले और खाली गमले के अंदर नये बीज बोए।
    • अगर आपकी व्हीट ग्रास की खपत ज्यादा है तो ज़रूरत के हिसाब से दो से तीन गमले लगा सकते है।
    • ध्यान रहे की सूरज की सीधी धूप गमलों पर ना पड़े।
    • गमलों में हर रोज पानी डाले।
    • गेंहू का ज्वारा उगने के लिए 18 से 20 डिग्री तापमान उत्तम है।
    • आर्गेनिक खाद से उगाई गयी व्हीटग्रास ही फायदेमंद होती है इसलिए किसी प्रकार के केमिकल का प्रयोग ना करें।

    व्हीटग्रास जूस कौन पी सकता है

    • तीन साल की उम्र से लेकर बड़े सभी इस जूस को पी सकते है।
    • किसी भी रोग से ग्रसित व्यक्ति और जिसे कोई रोग न हो वो भी इसका सेवन कर सकता है।

    ऊपर हम ने जाना की घर पर व्हीट ग्रास जूस कैसे बनाए। अगर अभी तक आप गेहूं के जवारे का रस और व्हीट ग्रास पाउडर के फायदों से अंजान है तो ऊपर लीख को अच्छे से पढ़े और जाने कौन से रोगों के उपचार में ये रामबाण दवा का काम करता है।  अगर आप भी किसी रोग से पीड़ित है तो किसी आयुर्वेदिक चिकत्सक से मिल कर गेंहू के ज्वारे के रस के बारे में विस्तार से जाने।

    दोस्तों व्हीटग्रास जूस कैसे बनाए, how to make wheatgrass juice in hindi का ये लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके बताये और अगर आपके पास व्हीट ग्रास जूस रेसिपी और व्हीटग्रास पाउडर से जुड़े अनुभव या कोई सुझाव है तो हमारे साथ साँझा करे।

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    6 COMMENTS

      • व्हीटग्रास जूस प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवा की तरह काम करता है इसके इलावा कच्चे पपीते का रस भी काफी फायदा करता है.

    1. मेरे भाई का हीमोग्लोबिन 3.40% हो गया है। क्या उनको गेहूँ के जवारे के रस से फायदा होगा और कितने दिनों में.

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