रीढ़ की हड्डी में चोट (स्पाइनल कॉर्ड इंजरी) का इलाज इन हिंदी: लकवा और पोलियो कुछ ऐसे रोग है जिस कारण रोगी चलने फिरने से असमर्थ हो जाता है। ऐसे ही रीढ़ की हड्डी की चोट लगने से भी paralysis हो जाता है जिससे शरीर के प्रभावित अंग काम करना बंद कर देते है। रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर होने पर नसों पर दबाव आ जाता है जिस कारण बॉडी को पैरालिसिस होने की संभावना होती है जिसे छूने का पता न चलना, लैट्रिन बाथरूम करने में परेशानी आना और पैर न हिलना जैसी मुश्किलें आती है।
रीढ़ की हड्डी में चोट के परिणाम अलग-अलग ढंग से दिख सकते हैं जो चोट के प्रकार और स्थान पर निर्भर करते हैं। चोट के स्तर के नीचे गतिक (मोटर) और संवेदी (सेंसरी) तंत्रिकाओं का कमज़ोर पड़ना या अक्रिय हो जाना, और शरीर के कुछ आंतरिक अंगों का (स्वायत्त तंत्रिका कार्यक्षमता का) धीमा पड़ना सबसे आम परिणाम हैं। सामान्य रूप से कहें तो, रीढ़ की हड्डी को चोट उसमें जितनी ऊंचाई पर लगी होगी, कार्यक्षमता, संवेदना और आंतरिक शारीरिक कार्यक्षमता उतनी ही अधिक प्रभावित होगी।
कई बार, रीढ़ की हड्डी में चोट के बाद व्यक्ति के आंत्र और मूत्राशय पर भारी असर पड़ता है। कई बार उसे पूरे वक्त कैथेटर (catheter) की जरूरत पड़ती है। इसकी वजह से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन भी हो जाता है।
दोस्तों अभी तक एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक में इस चोट का कोई इलाज नहीं है पर कुछ चीजों का ध्यान रख कर शरीर की खोई हुई ताकत कुछ हद तक वापस पा सकते है। आज हम जानेंगे स्पाइनल कॉर्ड की इंजरी होने पर कैसे उपचार करे, spinal cord injury treatment in hindi.
पैरालिसिस होने के कारण – Paralysis in Hindi
- सड़क दुर्घटना में रीढ़ पर चोट लगना
- स्पोर्ट्स खेलते समय
- रीढ़ की हड्डी में बंदूक की गोली लगना
- किसी पेड़ या छत से गिरना
- कम गहरे पानी में कूदना
- स्पाइन की बीमारी जैसे टीबी, कैंसर
रीढ़ की हड्डी में चोट स्पाइनल कॉर्ड इंजरी
Spinal Cord Injury in Hindi
- स्पाइनल कॉर्ड इंजरी कमर पर हो तो कमर के नीचे के हिस्से पर इसका असर पड़ता है और अगर गर्दन पर चोट लगी तो हाथों पर भी इसका असर पड़ता है, फिर चोट के बाद दबी हुई नसों से दबाव को हटाने के लिए डॉक्टर आपरेशन यानि के सर्जरी करते है।
- बहुत से लोगों का सवाल होता है की रीढ़ की हड्डी में चोट के बाद रोगी कब तक ठीक हो जायेगा। दोस्तों ये इस बात पर निर्भर करता है की चोट की वजह से स्पाइनल कॉर्ड पर कितना असर हुआ है। इस चोट के बाद अधिकतर लोग फिर से चलने फिरने में सक्षम नहीं हो पाते।
- ये इंजरी 2 तरह की होती है complete injury और incomplete injury.
- इन्कम्प्लीट इंजरी का मतलब है कि स्पाइनल नर्व की शरीर के अंगों को सिग्नल भेजने की क्षमता पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। इसमें रोगी को body sensation और शरीर के कुछ प्रभावित अंगों को हिलाने की ताकत होती है और सही तरीके से physiotherapy से फिर से चलने की संभावना भी होती है।
- कम्पलीट स्पाइनल कॉर्ड इंजरी में शरीर के अंगों में कोई सिग्नल नहीं भेज पाती। इसमें रोगी के चलने फिरने की संभावना बहुत कम होती है।
स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के बाद परेशानियां
- अब तक आप ये तो जान गए है की spinal cord की चोट लगने के बाद व्यक्ति को पैरालिसिस हो जाता है पर इसके बाद भी कुछ ऐसी चीज है जो रोगी को अक्सर परेशान करती है।
- शरीर पर घाव होना – Bedsore
- हर समय बिस्तर पर लेटने की वजह से रोगी की कमर और पैरों पर जख्म होने का खतरा होता है जिसे हम bedsore कहते है जो कई बार गंभीर हो सकते है।
- इसका प्रमुख कारण है एक ही स्तिथि में लेते रहना और शरीर में छूने का पता ना चलना जिस वजह से जखम होने के बाद दर्द भी महसूस नहीं होता और सही समय पर देखभाल ना करने से ये बढ़ता जाता है।
- ऐसे में जो व्यक्ति रोगी का ख्याल रखते है उन्हें ही समय समय पर रोगी के पूरे शरीर को अच्छे से जांच करनी चाहिए ताकि घाव से बचा जा सके।
- इससे बचने के लिए रोगी को कभी भी एक ही पोजीशन में लम्बे समय तक बैठने और लेटने ना दे व लेटने पर हर 2 घंटे के दौरान करवट बदले और साथ ही हर रोज बिस्तर और कपड़े भी बदले।
- अगर bedsore हो जाये तो इसके ट्रीटमेंट के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है इस पर दबाव ना पड़े।
- जाने घाव जल्दी भरने के उपाय
- पैरों में अकड़न आना – Spasm
- स्पाइनल इंजरी के बाद शरीर में अकड़न आती है और कई बार पैरों में झटके भी आने लगते है।
- कई बार रोगी के पैरों को हाथ लगाने से पैर झटका मरने लगता है जिससे कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि ये ठीक होने के लक्षण है।
- इसे रोकने के लिए वैसे तो कुछ दवा (medicine) भी आती है पर नियमित एक्सरसाइज से शरीर में होने वाली जकड़न को कम किया जा सकता है।
- यूरिन इन्फेक्शन होना – Urine Infection (UTI)
- इस चोट की वजह से रोगी खुद से पेशाब नहीं कर पाता जिस वजह से ब्लैडर में पाइप डाली जाती है जिससे रोगी को UTI होने का खतरा अधिक होता है।
- इससे बचना है तो पानी अधिक पिए और पाइप को सही समय पर बदलते रहे। UTI के इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह से मेडिसिन ले सकते है।
- जाने यूरिन इन्फेक्शन का इलाज के उपाय
रीढ़ की हड्डी में चोट के इलाज – Reedh Ki Haddi Me Chot Ka ilaj in Hindi
- दोस्तों अभी तक ऐसी कोई भी दवा या ऑपरेशन नहीं है जिससे स्पाइनल कॉर्ड इंजरी का इलाज हो सके ।
- आपने stem cell treatment के बारे में सुना होगा। बहुत से लोग ये ट्रीटमेंट ले चुके है पर कुछ लोगों को केवल sensation में ही फायदा मिल पाया है पर अभी तक कोई पूरी तरह पहले जैसा ठीक नहीं हो सकता है।
- रीढ़ की हड्डी में चोट, फ्रैक्चर होने पर सिर्फ फैसिओथेरपी से ही उपचार किया जा सकता है।
- कुछ लोग होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट भी ले रहे है, पर अभी तक हमारे पास इसके परिणाम की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है।
- अगर आप पहले जैसे नहीं हो पा रहे तो भी निराश ना हो आप खुद को इस काबिल जरूर बना सकते की आप अपने सभी काम खुद बिना किसी की मदद के कर सकते है।
एक्सरसाइज करना जरुरी है – Physiotherapy
- रीढ़ की हड्डी में चोट के उपचार के लिए सबसे जरुरी है हर रोज exercise करना। इस चोट से उभरने और परेशानियों से बचने के लिए नियमित एक्सरसाइज जरूरी है।
- चोट लगने के बाद शुरुआत में व्यक्ति खुद एक्सरसाइज नहीं कर सकता तो किसी दूसरे की मदद से रोगी के हाथों और पैरों की एक्सरसाइज करनी चाहिए।
- एक्सरसाइज शुरू करने से पहले डॉक्टर की राय जरूर ले और हो सके तो किसी अच्छे physiotherapist की मदद ले।
- योग प्राणायाम करना भी अच्छा उपाय है।
- दादी माँ के घरेलु नुस्खे
- बाबा रामदेव पतंजलि आयुर्वेदिक दवा
दोस्तों रीढ़ की हड्डी में चोट का इलाज, Spinal cord injury ka ilaj in hindi का ये लेख कैसा लगा हमें बताये और अगर आपके पास स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के ट्रीटमेंट और घरेलू नुस्खे से उपचार से जुड़े अनुभव है तो हमारे साथ साँझा करे।
Meri ridh ki haddi me chot se mere pair nahi chal rahe hai 6 saal 9 mahine ho gaye hai homeopathic dawa chal rahi hai kya main theek ho jaunga.
रीढ़ की हड्डी की चोट के बाद अगर शरीर को पैरालिसिस हो गया है तो एक्सरसाइज करना ही एक इलाज है, क्या आप फिर से चल फिर सकेंगे ये चोट और रिकवरी पर निर्भर करता है.
Mere chot lage 4 saal ho gye hai. Mere pairo me jalan, chees aur jab main pairo ko hilane ki koshish karta hu to mere pairo me tanav sa mahsoos hota hai aur mere pair bahut kamjor se ho gye hai to mai kya karu sir.
Meri ridh ki haddi accident se fracture ho gayi hai 8 varsh ho gaye hai. Main stick ke sahare chalta hu kya exercise se hum bina sahare chal sakte hai.
Mere bhai ko reedh ki haddi me chot lagne se chal fir to dheere dheere sakta hai par tez nahi chal sakta gir jata hai 3 saal ho gye kya vo theek ho sakta hai aur kaha se btaye.
Sir chot ki wajah se reedh ki haddi tut gayi hai dono pair kaam nahi kar raha hai koi upay bataye.
Mere papa ki kamar ki haddi fat ke kishak gayi hai unki age 60 years hai uska koi ilaj ho to btaiye.
मेरे पिता जी के कमर की हड्डी फटकर खिसक गई है इसका कोई इलाज हो तो बताइए.