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    अनुलोम विलोम कैसे करे सही तरीका समय फायदे और नियम

    Yoga - योगअनुलोम विलोम कैसे करे सही तरीका समय फायदे और नियम

    अनुलोम विलोम करने का सही तरीका समय और फायदे क्या है इन हिंदी: अनुलोम विलोम प्राणायाम को करने से पहले आपको उसे करने का सही तरीका और फायदे जरूर जाने चाहिए, अनुलोम विलोम करने के नियम और कया सावधानी बरतनी चाहिए| अच्छी सेहत पाने के साथ साथ योग प्राणायाम रोगों के उपचार में भी मदद करते है। अगर आप सही विधि नियम और सावधानी से हर रोज अनुलोम विलोम करते है तो शरीर की सब नाड़ियां स्वस्थ रहती है और कुछ ही दिनों में इसके बेनिफिट्स भी दिखने लगते है। कई बार कुछ लोगों का ये भी कहना होता है की काफी टाइम तक अनुलोम विलोम करने के बाद भी उन्हें लाभ नहीं हुआ। 

    योग साँस लेने की तकनीक और मुद्राओं का एक मिश्रण है जो आपके शरीर को भीतर से ठीक करने और उसे बाहर से मजबूत बनाने के लिए एक साथ काम करता है। श्वास तकनीक, प्राणायाम और आसन की एक श्रृंखला आपको समग्र कल्याण प्राप्त करने में मदद करती है – मन को शांत करने से, तनाव को कम करने, चयापचय को बढ़ावा देने और हार्मोन और विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए प्रतिरक्षा।

    अनुलोम विलोम योग के अभ्यास में एक विशिष्ट प्रकार की नियंत्रित श्वास (प्राणायाम) है। इसमें साँस लेते समय एक नथुने को बंद करना शामिल है, फिर सांस छोड़ते समय दूसरे नथुने को बंद करना। 

    अनुलोम विलोम प्राणायाम हमारे शरीर में ट्राई डोसा को संतुलित करने का सबसे अच्छा तरीका है। हमारा शरीर तो बीमार हो जाता है जब ट्राई डोसा संतुलन की स्थिति में नहीं होता है। वाया, पित्त, कफ्फ को त्रिदोष के रूप में जाना जाता है, त्रि का अर्थ है “तीन” और दोष का अर्थ अशुद्धियां है। ये सभी हर व्यक्ति के शरीर में मौजूद होते हैं। यदि उनमें से एक असंतुलन है कि हम विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं। तीनों ही सभी रोगों का कारण हैं। इसलिए इन त्रिकोषों को संतुलित करना महत्वपूर्ण है।

    यह लेख योग के सबसे व्यापक रूप से अभ्यास और अनुलोम विलोम नामक सबसे बुनियादी श्वास तकनीकों में से एक के लिए समर्पित है। इसे वैकल्पिक श्वास तकनीक के रूप में भी जाना जाता है, यह श्वसन समस्याओं और अस्थमा के लिए उत्कृष्ट है। यह फेफड़ों के समुचित कार्य को सुविधाजनक बनाता है,आपके मनोदशा को बढ़ाता है और तनाव को कम करता है।

    दोस्तों अगर प्राणायाम और योग सही तरीके से नहीं किया जाता है तो फायदा होने की बजाय नुकसान भी हो सकता है। आज इस लेख में हम जानेंगे अनुलोम विलोम करने का सही तरीका और इसे कब कितनी देर करना चाहिए, baba ramdev yoga anulom vilom pranayam benefits in hindi.

    प्राणायाम करने के नियम – Anulom Vilom Ke Niyam 

    • सुबह को पेट साफ होने के बाद प्राणायाम करना चाहिए।
    • प्राणायाम करने का सबसे अच्छा और सही समय सुबह का है।
    • मन शांत रखना है और किसी भी तरह के तनाव से दूर रहे।
    • प्राणायाम व योग करने के पहले और बाद कुछ देर तक कुछ नहीं खाएं।
    • 30 मिनट पहले थोड़ा पानी पी सकते है पर ध्यान रहे पेट भर ना पिए।
    • शाम को प्राणायाम करना है तो खाना खाये कम से कम 4 घंटे हो गए हो।

    अनुलोम विलोम करने का सही तरीका और समय

    Anulom Vilom Pranayam Kaise Kare in Hindi

    1. अनुलोम विलोम में नाक से सांस खींचने और छोड़ने की विधि को बार बार दोहराया जाता है व हर उम्र की महिला और व्यक्ति इसे कर सकता है।
    2. इसे करने के लिए किसी खुली और हवादार जगह पर बैठे जहां प्राकृतिक हवा आती हो। अब अपना चेहरा सिर और कमर को सीधा रखते हुए आँखे बंद कर ले और मन शांत रखे.
    3. अब अपने right hand के अंगूठे से नाक की राइट साइड के नथुने को बंद कर के लेफ्ट साइड से सांस ले और मन में 5 तक गिनती गिने।
    4. इसके बाद अपने राइट हाथ की चौथी उंगली से लेफ्ट साइड का नथुना बंद करे फिर राइट साइड के नथुने से सांस छोड़े। ध्यान रहे सांस धीरे धीरे छोड़ना है और इस विधि के दौरान left hand को लेफ्ट वाले घुटने पर रखे।
    5. अब राइट साइड वाले नथुने से सांस लेना है और लेफ्ट साइड वाले से छोड़ना है। (अनुलोम विलोम की विधि में दांई नाक बंद कर के बाईं तरफ से साँस ले फिर दाईं तरफ नाक से छोड़े, इसके बाद दाएं और से साँस लेकर बाएं से छोड़े।)
    6. अनुलोम विलोम प्राणायाम करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखे की जितना समय सांस लेने में लगे उतना ही समय सांस छोड़ने में लगना चाहिए। एक बार सांस लेते और छोड़ते वक़्त कम से कम 5 सेकंड का time जरूर ले।
    7. टाइम कम होने के कारण अक्सर कुछ लोग जल्दी जल्दी सांस लेने व छोड़ने लगते है जो ठीक नहीं है। अनुलोम विलोम योग इतना आराम से करना चाहिए की अपनी सांस की आवाज भी नहीं आए।
    8. जो व्यक्ति या महिला कमजोरी और खून की कमी से परेशान है उन्हें इस आसन को करते टाइम सांस छोड़ने और लेने में सावधानी बरतनी चाहिए।
    9. कुछ लोगों का अक्सर एक सवाल होता है कि अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से पहले क्या कुछ खा सकते है, तो इसका जवाब है नहीं। प्राणायाम और योग से पहले व 30 मिनट बाद कुछ ना खाएं पिए।
    10. अनुलोम विलोम करने का सही तरीका: कैसे करते है इसके वीडियो देख कर आप घर बैठे इसे करने का सही तरीका विस्तार में सिख सकते है।
    11. ब्लड प्रेशर और ह्रदय से पीड़ित रोगी को योग गुरु की देख रेख में इस प्राणायाम को करने का तरीका सीखना चाहिए।

    अनुलोम विलोम के फायदे – Anulom Vilom Benefits in Hindi

    • अनुलोम विलोम करने के फायदे में सबसे पहला और बड़ा फायदा ये है की इससे मन और दिमाग शांत होते है मानसिक तनाव दूर होता है।
    • इस प्राणायाम को करने पर शरीर की सभी नाड़ियों की शुद्धि होती है इसलिए इस को नाड़ी शोधन प्राणायाम के नाम से भी जानते है।
    • वात, पित कफ जैसे रोग ठीक करने व जोड़ों में दर्द, सूजन, गठिया के इलाज में भी अनुलोम विलोम के चमत्कार दिखते है।
    • माइग्रेन आधा सिर दर्द की समस्या के उपचार में भी अनुलोम विलोम benefit करता है।
    • कैंसर जैसे गंभीर रोग में भी अनुलोम विलोम लाभ करता है।
    • हर रोज इस योग को करने से eyes की रोशनी बढ़ती है, अनिद्रा का रोग दूर करने में लाभ मिलता है और शरीर में रक्त का संचार भी अच्छा होता है।
    • Hairs और skin से जुड़ी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए प्रतिदिन प्राणायाम करना अच्छा उपाय है।
    • सर्दी जुकाम खांसी और दमा जैसे रोग ठीक होने लगते है, लिवर मजबूत होता है और कमजोरी दूर होती है।
    • अगर आपकी याददाश्त कमजोर है या आपको बहुत गुस्सा आता है तो आपको हर रोज अनुलोम विलोम करना चाहिए।

    अनुलोम विलोम प्राणायाम में सावधानी

    • इस प्राणायाम को खाली पेट ही करना चाहिए।
    • अगर शाम को करना है तो खाना खाए हुए 3 से 4 घंटे हो चुके हो।
    • अनुलोम विलोम कभी जोर से या तेज गति से नहीं करे।
    • योग प्राणायाम करने के बाद तुरंत नहाना नहीं चाहिए।
    • सांस से जुड़े किसी भी रोग में इसे पहले किसी योग गुरु से राय जरूर ले।
    • कपालभाति प्राणायाम कैसे करे
    • योग करने के नियम और सही तरीका

    दोस्तों अनुलोम विलोम करने का सही तरीका और सही समय, Anulom vilom pranayam kaise kare in hindi का ये लेख कैसा लगा बताये और अगर आपके पास बाबा रामदेव योग अनुलोम विलोम प्राणायाम कब करना चाहिए, विधि, फायदे और नुकसान से जुड़े कोई सुझाव है तो हमारे साथ साझा करे|

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    6 COMMENTS

    1. सांस लेते समय पेट फूलना चाहिए या फेफड़े फूलना चाहिए.

    2. Anulom vilom se pehle mujhe hearing problem thee lekin use shuru karne ke ek saptah me kuch fayda mila aur ab main bina machine ke bhi sun sakta hu.

    3. मै शारीरिक विकलांग हूँ। अनुलोम विलोम करने से ठीक हो जाऊँगा।

    4. Anulom vilom kai din tak karne se mera gussa bahut badh jata hai aur pet bhi saaf nahi hota mal tight ho jata hai. Bataye ki anulom vilom ka fayda mujhe mile.

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